October 11, 2025
Hindi Sahitya ka Kaal Vibhajan हिन्दी साहित्य का काल विभाजन एवं नामकरण
Hindi Sahitya ka Kaal Vibhajan हिन्दी साहित्य का काल विभाजन अलग अलग विद्वानों ने अपने अपने मत दिए है। सबसे पहले डॉ. गियर्सन ने दिया लेकिन हिन्दी साहित्य के इतिहास मे इसको मान्यता नहीं दी गई। डॉ. रामचन्द्र शुक्ल ने दोहरे नामकरण के आधार पर हिन्दी साहित्य का इतिहास लिखा। डॉ. शुक्ल का इतिहास हिन्दी साहित्य मे सर्वाधिक मान्य माना जाता है। डॉ. जॉर्ज गियर्सन काल विभाजन हिंदी साहित्य का काल विभाजन करने का सबसे पहला प्रयास जॉर्ज गियर्सन ने किया। इन्होंने अपनी पुस्तक ‘द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिट्रेचर ऑफ हिंदुस्तान ‘ में ग्यारह (11) अध्यायों में हिंदी साहित्य का काल