RPSC 1st Grade Teacher Hindi Exam 23 june 2025 Answer Key : Rpsc 1st Grade Hindi exam paper 23 June 2025 with Answer key available here, this exam paper conducted 23 june at various exam centers of Rajasthan state. Check out this official answer key to get an idea of how you performed in the exam. This Rpsc 1st Grade Hindi question paper 2025 is also important to check for the preparation of the upcoming exams.
Exam Name: Rpsc 1st Grade Hindi Exam Paper 2025
Exam Paper: Paper 2 (Hindi)
Exam for Post: Rpsc 1st Grade Hindi exam paper 2025
Exam Organiser: RPSC (Rajasthan Public Service Commission)
Exam Date: 23/06/2025
Exam Time: Second Shift
Total Question : 150

RPSC 1st Grade Teacher Hindi Exam 23 june 2025 Answer Key
1. निम्नलिखित में से नन्ददास की रचना है-
(1) वाग्विलास छटा
(2) कल्पतरु
(3) नंदलाल छटा
(4) रसमंजरी
(5) अनुत्तरित प्रश्न
2. प्रयोगवाद को स्पष्ट करते हुए अज्ञेय की उक्ति “प्रयोग का कोई वाद नहीं है प्रयोग अपने आप में इष्ट नहीं है, वह साधन है और दोहरा साधन है। क्योंकि एक तो वह उस सत्य को जानने का साधन है, जिसे कवि प्रेषित करता है, दूसरे वह उस प्रेषण की क्रिया को और उसके साधनों को जानने का भी साधन है।” किस संग्रह की भूमिका में लिखी गई है?
(1) दूसरा सप्तक
(2) तीसरा सप्तक
(3) तार सप्तक
(4) चौथा सप्तक
(5) अनुत्तरित प्रश्न
3. शक्ति (प्रतिभा), निपुणता एवं अभ्यास तीनों को सम्मिलित रूप से काव्य हेतु मानने वाले आचार्य हैं-
(1) राजशेखर
(2) जयदेव
(3) मम्मट
(5) अनुत्तरित प्रश्न
(4) पंडितराज जगन्नाथ
4. अधिसूचना के संबंध में असंगत है-
(1) सांविधिक नियमों और आदेशों की सूचना अधिसूचना के रूप में दी जाती है।
(2) सभी कर्मचारियों की नियुक्ति, पदोन्नति, स्थानांतरण आदि की सूचना अधिसूचना के रूप में प्रकाशित की जाती है।
(3) अधिसूचना का प्रकाशन अनिवार्यतः राजपत्र में किया जाता है।
(4) शक्तियों के सौंपे जाने की घोषणा अधिसूचना के रूप में प्रकाशित की जाती है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
5. ‘बावन तोले पाव रत्ती लोकोक्ति का संगत अर्थ है-
(1) बहुत किफायत से खर्च करना।
(2) जो हर तरफ से बिल्कुल ठीक हो।
(3) एक काम के घाटे का दूसरे काम से पूरा होना।
(4) जब काम के आरम्भ में ही विघ्न पड़ जाए।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
6. पश्चिमी हिंदी उपभाषा के अंतर्गत निम्न में से कौनसी बोली सम्मिलित नहीं है?
(1) बुंदेली
(2) बघेली
(3) कन्नौजी
(4) कौरवी
(5) अनुत्तरित प्रश्न
7. “इनकी सी विशुद्ध, सरस और शक्तिशालिनी ब्रजभाषा लिखने में और कोई कवि समर्थ नहीं हुआ। विशुद्धता के साथ प्रौढ़ता और माधुर्य भी अपूर्व ही है। विप्रलंभ श्रृंगार ही अधिकतर इन्होंने लिखा है।”
घनानन्द के बारे में यह कथन किसका है?
(1) विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
(2) रामचन्द्र शुक्ल
(3) नगेन्द्र
(4) रामस्वरूप चतुर्वेदी
(5) अनुत्तरित प्रश्न
8. पं. युगल किशोर शुक्ल द्वारा प्रकाशित हिन्दी का पहला पत्र है-
(1) उदन्त मार्तण्ड
(2) बनारस अखबार
(3) बंगदूत
(4) समाचार सुधावर्षण
(5) अनुत्तरित प्रश्न
9. निम्नलिखित में से किस ग्रंथ को आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने मम्मट के काव्यप्रकाश का छायानुवाद कहा है?
(1) काव्य विवेक
(2) काव्य निर्णय
(3) रस रहस्य
(4) वृत्त विचार
(5) अनुत्तरित प्रश्न
10. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने मीराबाई की उपासना किस ढंग की मानी है?
(1) दास्य भाव
(2) वत्सल भाव
(3) माधुर्य भाव
(4) सख्य भाव
(5) अनुत्तरित प्रश्न
11. हजारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा रचित ‘शिरीष के फूल’ शीर्षक निबंध के संबंध में कौनसा कथन सही नहीं है?
(1) शिरीष कालजयी अवधूत की भाँति जीवन की अजेयता का मंत्र प्रचार करता रहता है।
(2) शिरीष वसंत के आगमन के साथ लहक उठता है, आषाढ़ तक तो मस्त रहता है।
(3) शिरीष के साथ आरग्वध (अमलतास) की तुलना की जा सकती है।
(4) शिरीष का फूल संस्कृत साहित्य में बहुत कोमल माना गया है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
12. गीतिका छंद के विषय में असंगत है-
(1) यह मात्रिक सम छंद है।
(2) प्रत्येक चरण के अंत में लघु-गुरु होता है।
(3) प्रत्येक चरण में 26 मात्राएँ होती हैं।
(4) 12, 14 पर यति होती है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
13. आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र किस कवि को रीतिबद्ध श्रेणी में शामिल नहीं करते हैं?
(1) भिखारीदास
(2) जसवंत सिंह
(3) कवि ग्वाल
(4) द्विजदेव
(5) अनुत्तरित प्रश्न
14. इनमें से किस आचार्य ने ‘साधारणीकरण’ का विवेचन नहीं किया है?
(1) विश्वनाथ
(2) शंकुक
(3) भट्टनायक
(4) अभिनवगुप्त
(5) अनुत्तरित प्रश्न
15. ‘जानि स्याम को स्याम-घन नाचि उठे वन मोर।
प्रस्तुत पंक्ति में अलंकार है –
(1) संदेह
(2) उदाहरण
(3) श्लेष
(4) भ्रान्तिमान
(5) अनुत्तरित प्रश्न
16. पृथ्वीराज रासो के संदर्भ में असंगत है-
(1) वस्तुवर्णन का आधिक्य
(2) अलंकारों का सहज प्रयोग
(3) वीर और श्रृंगार रस की प्रधानता
(4) डिंगल शैली
(5) अनुत्तरित प्रश्न
17. हिन्दी कहानी-आन्दोलन और उसके प्रणेता के संदर्भ में असंगत है –
(1) अ-कहानी – डॉ. गंगा प्रसाद विमल और अन्य
(2) समांतर कहानी – कमलेश्वर
(3) सक्रिय कहानी – अमृत राय
(4) सचेतन कहानी – डॉ. महीप सिंह
(5) अनुत्तरित प्रश्न
18. जीवनी और उसके लेखक की दृष्टि से कौनसा विकल्प सुमेलित नहीं है?
(1) मेरे बड़े भाई शमशेर जी विष्णु चंद्र शर्मा
(2) वट वृक्ष की छाया में कुमुद नागर
(3) शेष कथा ज्ञानचंद्र जैन
(4) रांगेय राघव : एक अंतरंग परिचय सुलोचना रांगेय राघव
(5) अनुत्तरित प्रश्न
19. “सिद्धों और योगियों की रचनाएं तांत्रिक विधान, योग साधना, आत्म निग्रह, श्वास-निरोध, भीतरी चक्रों और नाड़ियों की स्थिति, अंतर्मुख साधना के महत्त्व इत्यादि की सांप्रदायिक शिक्षा मात्र हैं, जीवन की स्वाभाविक अनुभूतियों और दशाओं से उनका कोई संबंध नहीं। अतः वे शुद्ध साहित्य के अन्तर्गत नहीं आती।”
आदिकालीन सिद्धों और योगियों के साहित्य के बारे में यह कथन किसका है?
(1) रामचंद्र शुक्ल
(2) मिश्र बंधु
(3) शिवसिंह सेंगर
(4) विश्वनाथ प्रसाद मिश्र
(5) अनुत्तरित प्रश्न
20. सूर के काव्य और भक्ति विषयक कौनसा कथन गलत है?
(1) सूर के काव्य में सख्य भक्ति के साथ-साथ वात्सल्य भाव का भी वर्णन है।
(2) सूर की भक्ति का मेरुदण्ड पुष्टि मार्गीय भक्ति है।
(3) भगवत्कृपा की प्राप्ति के लिए सूर की भक्ति-पद्धति में अनुग्रह का प्राधान्य है।
(4) सूर के काव्य में दार्शनिक सिद्धांत ‘द्वैताद्वैत’ की प्रधानता है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
21. ओज गुण के संबंध में असंगत है-
(1) इसकी अभिव्यक्ति संयुक्त, द्वित्व तथा रेफ युक्त वर्णों द्वारा होती है।
(2) इस गुण का प्रयोग वीर, वीभत्स तथा रौद्र रस में होता है।
(3) कठोर तथा परुष वर्णों का प्रयोग होता है।
(4) दीर्घ समासों का बहुल प्रयोग नहीं होता है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
22. आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने खड़ी बोली गद्य को एक साथ आगे बढ़ाने वाले विद्वानों में किसे सम्मिलित नहीं किया है?
(1) लल्लूलाल
(2) सैयद इंशा अल्ला खाँ
(3) मुंशी सदासुख लाल
(4) राजा शिवप्रसाद
(5) अनुत्तरित प्रश्न
23. संविधान के किस अनुच्छेद द्वारा राजभाषा हिन्दी का विकास करना केन्द्र सरकार का कर्त्तव्य माना गया है?
(1) अनुच्छेद 345
(2) अनुच्छेद 350
(3) अनुच्छेद 351
(4) अनुच्छेद 344
(5) अनुत्तरित प्रश्न
24. ‘कहानी’ के संबंध में अनुपयुक्त विकल्प है-
(1) अंग्रेजी में जिसे ‘शॉर्ट स्टोरी’ कहते हैं वही बंगला में गल्प तथा हिन्दी में ‘कहानी नाम से प्रचलित हुआ है।
( 2) कहानी में कथासूत्र, कथानक, पात्र और देश-काल या परिस्थिति, उसके प्रमुख तत्त्व माने जाते रहे हैं।
(3) भारतवर्ष में कहानी का प्राचीनतम रूप कथा है।
(4) नियमों को ध्यान में रखकर ही अच्छी कहानी लिखी जा सकती है।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
25. निम्नलिखित में से शुद्ध वाक्य है-
(1) यह विषय अत्यन्त कठिन है।
(2) मैं वहाँ एक पुराने मित्र को मिला।
(3) नौकर के हाथ से भेज देना।
(4) उसे रस्सी बाँधकर ले गए।
(5) अनुत्तरित प्रश्न
ध्यातव्य प्र.सं. 26 27 के उत्तर निम्नांकित अपठित गद्यांश के आधार पर दें
सफलता और चरितार्थता में अन्तर है। मनुष्य मारणास्त्रों के संचयन से, बाह्य उपकरणों के बाहुल्य से उस वस्तु को पा भी सकता है, जिसे उसने बड़े आडम्बर के साथ सफलता नाम दे रखा है। परन्तु मनुष्य की चरितार्थता प्रेम में है, मैत्री में है, त्याग में है, अपने को सबके मंगल के लिये निःशेष भाव से दे देने में है। नाखूनों का बढ़ना मनुष्य की उस अन्ध सहजात वृत्ति का परिणाम है, जो उसके जीवन में सफलता ले आना चाहती है, उसको काट देना उस ‘स्व’ निर्धारित आत्म-बन्धन का फल है, जो उसे चरितार्थता की ओर ले जाती है।
26. मनुष्य की चरितार्थता किसमें नहीं है?
(1) सफलता मात्र में
(2) प्रेम मात्र में
(3) त्याग मात्र में
(4) मैत्री मात्र में
(5) अनुत्तरित प्रश्न
27. नाखूनों को काट देना किसका परिणाम है?
(1) मनुष्य के भीतर की पशुता का
(2) मनुष्य के उच्छृंखल स्वभाव का
(3) बाह्य उपकरणों के बाहुल्य का
(4) स्व-निर्धारित आत्म-बन्धन का
(5) अनुत्तरित प्रश्न
ध्यातव्य प्र.सं. 28 29 के उत्तर निम्नांकित अपठित पद्यांश के आधार पर दें-
‘रक्त से छाने हुए इस राज्य को
वज्र हो कैसे सकूँगा भोग मैं?
आदमी के खून में यह है सना
और है इसमें लहू अभिमन्यु का।
वज-सा कुछ टूटकर स्मृति से गिरा,
दब गये कौन्तेय दुर्वह भार से,
दब गयी वह बुद्धि जो अब तक रही
खोजती कुछ तत्त्व रण के भस्म में।
28. प्रस्तुत पद्यांश में निम्नलिखित में से किसकी पीड़ापूर्ण मनोदशा को व्यक्त किया गया है?
(1) युधिष्ठिर
(2) अश्वत्थामा
(3) विदुर
(4) भीष्म
(5) अनुत्तरित प्रश्न
29. ‘वज-सा कुछ टूटकर स्मृति से गिरा’ पंक्ति में स्मृति से संकेतित है –
(1) आकाश
(2) बादल
(3) राज्य
(4) बिजली
(5) अनुत्तरित प्रश्न
30. आचार्य शंकुक ने रस सूत्र की व्याख्या में ‘संयोगात्’ का अर्थ माना है-
(1) उत्पाद्य उत्पादक भाव
(2) अनुमाप्य अनुमापक भाव
(3) व्यंग्य व्यंजक संबंध
(4) भोग्य भोजक संबंध
(5) अनुत्तरित प्रश्न