मानव हार्मोन

पैराथाइरॉइड ग्रंथियां

थाइरॉइड ग्रंथि में पृष्ठ सतह पर धंसी चार छोटी व लाल अंडाकार ग्रंथियों के समूह में होती है।

स्रावित हार्मोन

पैराथॉरमोन

  • यह हार्मोन ब्लड में कैल्शियम की मात्रा को बनाए रखता है।
  • यह आंत में कैल्शियम के अवशोषण को और किडनी में इसके पुनरावशोषण और फॉस्फेट के उत्सर्जन को बढ़ाता है।
  • यह अस्थियों के अनावश्यक भागों को गलाकर रक्त में कैल्शियम व फॉस्फोरस मुक्त करता है।
  • यह हड्डियों की वृद्धि व दांतों के निर्माणका नियंत्रण करता है।

कैल्शिटोनिन हार्मोन

  • पैराथॉरमोन के एंटी काम करता है। यह हड्डियों के विघटन को काम करता है तथा मूत्र में कैल्शियम का उत्सर्जन बढ़ाता है।

अल्पस्रावण से होने वाले रोग

हाइपो पैराथाइरॉइडिज्म

  • पैराथॉरमोन के अल्पस्रावण से रक्त में कैल्शियम की मात्रा कम और फॉस्फेट की मात्रा अधिक हो जाती है।

टेटनी

  • जब यह ग्रंथि सही कार्य नहीं कर पाती, तो रक्त में कैल्शियम व फॉस्फोरस की मात्रा तेजी से घटने लगती है। इससे पेशियों में ऐंठन होने लगती है और शरीर ऐंठ जाता है। जिसे टिटनेस रोग हो जाता है।

हाइपोकैल्शीमिया

  • बचपन में अगर इस हार्मोन की कमी हो जाए तो बच्चों में मस्तिष्क, हड्डियां व दांत पूर्ण विकसित नहीं हो पाते हैं।
हाइपर पैराथइरॉइडिज्म
  • जब कभी पैराथाइरॉइड ग्रंथि ट्यूमर के कारण अत्यधिक बढ़ जाती है तो हार्मोन का अधिक स्राव होने लगता है। इससे कई रोग हो जाते हैं—
ओस्टिओपोरोसिस
  • इस रोग में हड्डियों से कैल्शियम बाहर सोख लिया जाता है जिससे रक्त में इसकी मात्रा बढ़ जाती है। इसके परिणामस्वरूप हड्डियां मुलायम एवं भंगूर हो जाती है और किसी-किसी स्थान पर कैल्शिफिकेशन होता है।
हारपर कैल्शीमिया
  • कैल्शियम की मात्रा बढ़ जाती है। पेशियां व तंत्रिकाएं क्षीण हो जाती है।
  • मूत्र की मात्रा बढ़ जाती है। भूख कम लगती है।
गुर्दे की पथरी
  • कैल्शियम शरीर में अधिक हो जाने के परिणामस्वरूप यह गुर्दे एवं पित्ताशय में जम कर पथरी बनाने लगती है।

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