Personality

कल्पना दत्त: भारतीय स्वतंत्रता सेनानी

भारतीय स्वतंत्रता में अपना अमूल्य योगदान देने वाली प्रमुख महिला क्रांतिकारियों में कल्पना दत्त का नाम भी प्रमुख है। कल्पना दत्त का जन्म 27 जुलाई, 1914 को चटगांव में हुआ। उनकी माता का नाम शोभना देवी और पिता का नाम विनोद बिहारी दत्त था। वह सूर्यसेन के क्रांतिकारी दल की ही एक बहादुर क्रांतिकारी सैनिक […]

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कोनेरू हम्पी: सबसे कम उम्र में ग्रैण्डमास्टर बनने वाली पहली महिला खिलाड़ी

कोनेरू हम्पी एक शतरंज महिला खिलाड़ी हैं। जो ना केवल सबसे कम उम्र मात्र 15 साल 1 महीना 27 दिन में ग्रैंडमास्टर महिला खिलाड़ी हैं, बल्कि वह 2600 ईएलओ अंकों के करीब पहुंचने वाली महिला खिलाड़ी भी है। उनसे पहले सबसे कम उम्र की महिला ग्रैंडमास्टर का विश्व रिकॉर्ड जूडिथ पोल्गर के नाम था। कोनेरू

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राजकुमारी अमृत कौर: भारत की पहली महिला कैबिनेट मंत्री

राजकुमारी अमृत कौर का जन्म 2 फरवरी, 1889 को लखनऊ में हुआ। वह पंजाब के कपूरथला राजघराने के उत्तराधिकारियों में से एक राजा सर हरनाम सिंह की पुत्री थी।  उनकी उच्च शिक्षा इंग्लैंड में हुई। उन्होंने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की। उन्होंने भारतीय कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की तथा वह समाज सुधार

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तेज बहादुर सप्रू

तेज बहादुर सप्रू सर तेज बहादुर सप्रू भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, वकील और राजनेता थे। उनका जन्म 8 दिसंबर, 1875 को संयुक्त प्रांत (अब उत्तर प्रदेश) के अलीगढ़ में हुआ था। उन्होंने कानून की डिग्री हासिल की और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वकील के रूप में कार्य किया। तेज बहादुर सप्रू ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ थे,

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बुला चौधरी: दो बार इंग्लिश चैनल तैरकर पार करने वाली पहली एशियाई महिला तैराक

भारत की सुप्रसिद्ध तैराक बुला चौधरी चक्रवर्ती का जन्म 2 जनवरी, 1970 को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में हुआ। वह दुनिया की ऐसी तैराक है​ जिनके नाम पांचों महाद्वीपों के सातों समुद्रों को तैरकर पार करने का कारनाम दर्ज है। इन्हें ‘जल परी’/’समुद्र सम्राज्ञी’ के नाम से जाना जाता है। बुला चौधरी को वर्ष

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मातंगिनी हाजरा

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में यूं तो बहुत सी महिलाओं ने अपना योगदान दिया था। जिनमें से हम महिला स्वतंत्रता सेनानियों के नाम तक नहीं जानते हैं, उनमें से एक थी मातंगिनी हाजरा। उन्हें सम्मान से ‘गांधी बूढ़ी’ और बंगाल की ‘ओल्ड लेडी गांधी’ नाम से पुकारा जाता है। उन्होंने देश की आजादी के लिए अपने

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गोकुलभाई भट्ट: राजस्थान के गांधी के नाम से जाने जाते हैं, पढ़ें

  गोकुलभाई भट्ट देश की आजादी के दौरान राजस्थान के लोगों में राष्ट्रीय चेतना जाग्रत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले क्रांतिकारी थे। उन्हें ‘राजस्थान के गांधी’ नाम से भी पुकारा जाता है। स्वतंत्रता सेनानी के साथ-साथ वह सामाजिक कार्यकर्ता, कवि, पत्रकार, बहुभाषाविद और लेखक थे। वह भारत के संविधान सभा के सदस्य रहे थे।

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श्यामजी कृष्ण वर्मा: एक स्वतंत्रता सेनानी जिसने इंग्लैंड में रहकर मदनलाल ढींगरा जैसे क्रांतिकारी दिए

श्यामजी कृष्ण वर्मा का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। वह इंग्लैंड में रहकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करने वालों में से एक थे। वह प्रखर प्रवक्ता और पत्रकार थे, जिन्होंने लंदन में इंडियन होमरूल सोसाइटी, इंडिया हाउस जैसे संगठन की स्थापना की। इंडिया हाउस भारत से आने वाले छात्रों का

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अभिनव बिंद्रा: देश की ओर से पहला ओलम्पिक खेलों में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाला निशानेबाज

बीजिंग ओलम्पिक 2008 में स्वर्ण पदक विजेता भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा का ओलम्पिक खेलों में व्यक्तिगत रूप से स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं। अभिनव सबसे कम उम्र में अर्जुन अवॉर्ड और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ी हैं। पिता ने घर पर ही बनवा दी थी शूटिंग रेंज अभिनव बिंद्रा का

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कन्हैयालाल सेठिया: एक कवि जिसने देश की आजादी के समय अपने गीतों से युवाओं को आजादी के लिए प्रेरित किया

कन्हैयालाल सेठिया राजस्थान के प्रसिद्ध कवि और स्वतंत्रता सेनानी थे। वह राजस्थानी और हिंदी भाषा के प्रसिद्ध कवि थे। उनकी सर्वाधिक प्रसिद्ध काव्य रचना ‘पाथल-पीथल’ है। उन्होंने राजस्थान में सामंतवाद के खिलाफ आंदोलन किया और पिछड़े वर्ग को समाज की मुख्य धारा में लाने में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान है। कन्हैयालाल सेठिया का जीवन परिचय कन्हैयालाल सेठिया

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